पाणी, वानी आणि नानी नासु नये.
                                      पाणी, वानी आणि नानी नासु नये.            घासावा शब्द | तासावा शब्द | तोलावा शब्द | बोलण्या पूर्वी ||   शब्द हेचि कातर | शब्द सुईदोरा बेतावेत शब्द | शास्त्राधारे ||   बोलावे मोजके | नेमके ,खमंग ,खमके | ठेवावे भान | देश ,काळ ,पात्राचे   बोलावे बरे | बोलावे खरे | कोणाच्याही मनावर | पाडू नये चरे ||   कोणाचेही वर्म | व्यंग आणि बिंग | जातपात धर्म | काढूच नये ||   थोडक्यात समजणे | थोडक्यात समजावणे | मुद्देसुद बोलणे | हि संवाद कला   शब्दांमध्ये झळकावी | ज्ञान , कर्म ,भक्ती | स्वानुभवातून जन्मावा | प्रत्येक शब्द ||   शब्दां मुळे दंगल | शब्दां मुळे मंगल | शब्दांचे हे जंगल | जागृत राहावं ||   जीभेवरी ताबा | सर्वासुखदाता |    पाणी ,वाणी ,नाणी | नासू नये        ~संत तुकाराम महाराज